tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post1448055409646984242..comments2024-02-22T16:01:17.360+05:30Comments on नया जमाना: ज्ञानविमुख हिन्दी का चिट्ठाकार - रवि रतलामीनया जमानाhttp://www.blogger.com/profile/07265292209310274504noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-40233950209223773402010-01-03T10:58:55.254+05:302010-01-03T10:58:55.254+05:30वाह!वाह! क्या लेख है, धासू है धाऽऽसू क्याऽ धासू सच...वाह!वाह! क्या लेख है, धासू है धाऽऽसू क्याऽ धासू सच है? भाई हिंदी जगत में दो कमियाँ देखने को मिलती है 1. हिंदी भाषा के लिए जो काम कर रहे हैं, वे पूरी लगन से हिंदी की सेवा नहीं कर रहे हैं. इसका मूल कारण यह है कि अधिका लोग हीन भावना से ग्रसित हैं शायद उनके अंदर जूझने की क्षमता नहीं है. <br />2. तकनीकी विकास में हिंदी पीछे होने के कारण इसके सच्चे प्रेमियों का जोश ठंडा पड़ जाता है.डॉ. संतोष गोवन (Dr. Santosh Govan)https://www.blogger.com/profile/07090478129504524060noreply@blogger.com