tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post2794256291800639587..comments2024-02-22T16:01:17.360+05:30Comments on नया जमाना: सिविल सोसायटी का संकीर्णतावादनया जमानाhttp://www.blogger.com/profile/07265292209310274504noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-31367484754982180222011-06-18T18:04:11.633+05:302011-06-18T18:04:11.633+05:30सरकार द्वारा निर्मित लोकपाल सरकार के हितों के अनुर...सरकार द्वारा निर्मित लोकपाल सरकार के हितों के अनुरूप होगा.जनता के हितों के अनुरूप होता या सरकार के पक्ष में जनता होती तो इनसब मुद्दों पर वह अन्ना का खुलकर साथ नहीं देती.अन्ना की मांग सही ह.बेलगाम सरकार पर लगाम लगनी चाहिए.लेकिन प्रधानमंत्री को इस दायरे से बाहर रखा जय.अगर अन्ना गलत हैं,या करप्ट हैं या जो गलतियाँ आप बता रहे हैं वह हिन्दुत्ववादी साम्प्रदायिकतावादी संगठनो की है.उनके खिलाफ मुहीम करनी चाहिए.मगर कहने से क्या होगा जरुरत है सड़क पर उनकी तरह प्रतिरोध करने की.अन्ना फ़िलहाल गलत चीजों के खिलाफ मुहीम कर रहे हैं.भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम भला गलत कैसे हो सकता है?इस मुहीम के सफल होने के बाद हिन्दुत्ववादी रवैये का प्रतिरोध होना चाहिए.मगर गलत का कोई प्रतिरोध कर रहा हो तो उसमे बौद्धिक खामी निलाल कर उसे कमजोर नहीं बनाना चाहिए.इस आन्दोलन की सफलता से देश मजबूत होगा.इसके बाद फिर किसी गलत चीज के खिलाफ मुहीम हो.अभी इसका विरोध सरकार की अजनतांत्रिक रुख का साथ देना ही है.ranjit kumarhttps://www.blogger.com/profile/17891400008692074142noreply@blogger.com