tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post3302057309104361996..comments2024-02-22T16:01:17.360+05:30Comments on नया जमाना: 'नए तुलसीदास' और साहित्य पतननया जमानाhttp://www.blogger.com/profile/07265292209310274504noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-84935306011520988802011-07-05T13:27:29.235+05:302011-07-05T13:27:29.235+05:30मैं सी एस सी के से सहमत हूं। नई पीढ़ी में इस संक्र...मैं सी एस सी के से सहमत हूं। नई पीढ़ी में इस संक्रामक रोग को फैलाने का काम भी सफलता के शॉर्टकट के प्रेरक बनकर ये लोग करते हैं। अगर दृढ़ता न हो तो इनसे बचने का उपाय नही। ये अपनी सफलताओं से कई बार पढ़ने-लिखनेवाले लोगों को हतोत्साहित करते हैं।एक पवित्र प्रार्थना की तरह इनकी चमक से नज़र धुंधली न हो,ये कामना करनी होगी।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-61585851134926878442011-07-03T22:52:21.189+05:302011-07-03T22:52:21.189+05:30आप कोलकाता के कॉनसेस कीपर हैं। आपकी जय हो।जबकि ज्य...आप कोलकाता के कॉनसेस कीपर हैं। आपकी जय हो।जबकि ज्यादातर लोगों का मत है कि आप स्वयं अध्यापक होकर ऐसा कर रहे हैं। अरे भाई खुद अध्यापक हैं,तभी तो ज्यादा परेशान हूँ।ज्यादा शर्मसार हूँ। वरना फिर घोषित करना होगा कि अध्यापक भी एक "वर्ग" है। अकेला ,विशिष्ट और निराला।<br />विजय शर्माCSCKhttps://www.blogger.com/profile/05222136012928319124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-70020001476423307792011-06-29T16:43:55.563+05:302011-06-29T16:43:55.563+05:30आपने सच कहा है।आपने सच कहा है।Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-68821299845475120332011-06-28T08:17:50.225+05:302011-06-28T08:17:50.225+05:30हिन्दी के अध्यापकों में यह नया फिनोमिना और उसका हि...हिन्दी के अध्यापकों में यह नया फिनोमिना और उसका हिन्दी शिक्षकों द्वारा अनुकरण उनको छोटा बना रहा है। वे 'नए तुलसीदास' इस अर्थ में हैं कि वे 'जनप्रिय' हैं। अध्यापकों की बुराईयों का आलोचनात्मक विश्लेषण करना बेहद जरूरी है।जगदीश्वर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/06417945584062444110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-89745026027188201832011-06-27T22:19:13.408+05:302011-06-27T22:19:13.408+05:30हिन्दी के इन जनसंपर्क अधिकारियों को तुलसीदास आप ...हिन्दी के इन जनसंपर्क अधिकारियों को तुलसीदास आप किस अर्थ में कह रहें हैं वह समझ में नही आ रहा है ? तुलसीदास से इनकी तुलना - हजम नही हो रहा है<br /><br /> आप स्वयं अध्यापक होकर बार बार अध्यापकों को छोटा करके क्यों दिखाते हैं ?sandhyahttps://www.blogger.com/profile/17679437521020454754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-41238944651348505582011-06-27T17:12:14.965+05:302011-06-27T17:12:14.965+05:30Aapke dil ki baat aur mere man ki ...
shukriya.Aapke dil ki baat aur mere man ki ...<br /><br />shukriya.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-678313164669169192011-06-26T20:37:35.164+05:302011-06-26T20:37:35.164+05:30आपने सोलह आने सच कहा है।आपने सोलह आने सच कहा है।shreesh rakesh jain https://www.blogger.com/profile/05820289114635027168noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-65169999906856714402011-06-26T19:44:23.795+05:302011-06-26T19:44:23.795+05:30सब कहे से सहमति मगर इन पाजियों को तुलसीदास का संबो...सब कहे से सहमति मगर इन पाजियों को तुलसीदास का संबोधन दिया जाय व्यंग और व्यंजना में भी इससे घोर असहमति...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com