tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post6515326095330600494..comments2024-02-22T16:01:17.360+05:30Comments on नया जमाना: रियलिटी टीवी की कलाबाजियाँ -1नया जमानाhttp://www.blogger.com/profile/07265292209310274504noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-27789313661276040322009-12-04T23:08:49.814+05:302009-12-04T23:08:49.814+05:30रियलटी शो! कुछ नहीं जी, एक धोखा है जो दर्शक खा रह...रियलटी शो! कुछ नहीं जी, एक धोखा है जो दर्शक खा रहे हैं:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-29817769629939310502009-12-04T21:29:45.220+05:302009-12-04T21:29:45.220+05:30क्या हायपररियलिटी माया है? क्या मेट्रिक्स (मायाजाल...क्या हायपररियलिटी माया है? क्या मेट्रिक्स (मायाजाल) फिल्म छुपी हुई उपमा के माध्यम से हायपररियलिटी की तरफ संकेत करती है. क्या हम मेट्रिक्स या मायाजाल में जी रहे हैं?ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-29796133807283978822009-12-04T21:22:40.364+05:302009-12-04T21:22:40.364+05:30क्या समाज व्यवस्था, प्रशासन, कानून हायपररियालिटी न...क्या समाज व्यवस्था, प्रशासन, कानून हायपररियालिटी नहीं है? मानव वानर का एक रूप है और वह प्राकृतिक रूप से वनमानुसों की तरह छोटे कबीलों में रहने के लिए बना है , उसका प्राकृतिक निवास जंगली इलाके हैं. मानव शहरों में या बहुत बड़े झुंडों में रहने के लिए नहीं बना है, वह अपने मूल परिवेश से जितना दूर आता जाता है उसमे उतनी ही विकृतियाँ आ जाती हैं. आपकी यह पोस्ट डेसमंड मोरिस की पुस्तक नेकेड ऐप की याद दिला गई.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.com