tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post8661297672079686987..comments2024-02-22T16:01:17.360+05:30Comments on नया जमाना: - मोदी और गुजराती अस्मिता की राजनीति - 1-नया जमानाhttp://www.blogger.com/profile/07265292209310274504noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-87203751759443563292010-02-25T21:47:53.554+05:302010-02-25T21:47:53.554+05:30हिन्दी ब्लॉग पर मोदी पर लिखना स्वयं में साहस की...हिन्दी ब्लॉग पर मोदी पर लिखना स्वयं में साहस की बात है...या कहें दुर्भाग्य से अब ऐसा हो गया है। इस लिहाज से ये लेख महत्वपूर्ण है ये अलहदा बात है कि लेख आपके अन्य लेखों की ही तरह छापे कर प्रकृति का ही है इसलिए संवाद की गुंजाइश नहीं छोड़ता। मसलन मौजूं क्या है स्पष्ट नहीं होता... आज मोदी पर क्यों? और बिना किसी लिंकन के क्यों ?<br />मोदी खुद को गुजराती अस्मिता का वारिस घोषित करते हैं, करें पर हमें नहीं लगता कि गुजराती या देशवासी उन्हें गुजराती अस्मिता का वारिस मानते हैं।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-74249454305726054872010-02-25T18:03:25.634+05:302010-02-25T18:03:25.634+05:30सुरेश चिपलूनकर जी, जरुर लिखूँगा, मेरी किताब है, नं...सुरेश चिपलूनकर जी, जरुर लिखूँगा, मेरी किताब है, नंदीग्राम पर। इसी ब्लॉग पर अनेक लेख हैं ,कृपया पढ़ें।जगदीश्वर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/06417945584062444110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-82259618375898982622010-02-25T17:58:33.682+05:302010-02-25T17:58:33.682+05:30गोदियाल जी, आपकी दिक्कत क्या है, मैं नहीं जानता,मै...गोदियाल जी, आपकी दिक्कत क्या है, मैं नहीं जानता,मैं हाइपररियलिटी के परिप्रेक्ष्य में मोदी और संघ की भूमिका के बदले स्वरुप की चर्चामात्र कर रहा हूँ और रही बात प्रबुद्धों की चर्चा की तो यह तो वे ही जानें कि पढ़ रहे हैं या नहीं, लेकिन आप तो पढ़ रहे हैं और असहमति भी व्यक्त कर रहे हैं और यही तो संवाद है,संघ की विचारधारा से जो प्रभावित हैं उन्हें लेखों से बदलना संभव नहीं है। दूसरी बात यह है कि आप आरएसएस के बदले मिजाज पर कुछ कहते तो अच्छा लगता,आप बात करते करते पाक काहे चले गए,संघ पर जमकर लिखें ,अंत में ,लेखन कुण्ठा में संभव नहीं है। लेखन कला है। कुण्ठा कला नहीं है।जगदीश्वर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/06417945584062444110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-38088023626657980582010-02-25T17:44:35.101+05:302010-02-25T17:44:35.101+05:30चतुर्वेदी जी, वामपंथी फ़िनोमिना के बारे में भी लिखे...चतुर्वेदी जी, वामपंथी फ़िनोमिना के बारे में भी लिखेंगे? किस तरह से बंगाल और केरल के गाँव-गाँव में उनका कैडर आतंक फ़ैलाता है? किस तरह से वाम पार्टी का जिला महासचिव जिला कलेक्टर से बड़ा होता है? किस तरह से उद्योगपतियों से हड़ताल के नाम पर ब्लैकमेल करके चन्दा वसूली की जाती है… इस फ़िनोमिना के बारे में भी लिखियेगा, आभारी रहेंगे… :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-34031650955247907912010-02-25T17:38:36.093+05:302010-02-25T17:38:36.093+05:30चतुर्वेदी जी,
मैं तो खैर हूँ ही दिलचस्प मगर मेरा ...चतुर्वेदी जी, <br />मैं तो खैर हूँ ही दिलचस्प मगर मेरा वह कहने का तात्पर्य सिर्फ यह था कि यह जो आप यहाँ अपने लेखो में उजागर कर रहे है, उसे इमानदार शब्दों में कुंठित मानसिकता कहते है ! अभी मैं पाकिस्तान के एक न्यूज़ साईट पर एक लेख पढ़ रहा था , हालांकि मुझे हंसी आ रही थी लेकिन कहीं अपने आस-पास अपने देश के लोगो का मूल्यांकन कर उसमे सत्यता भी दीख रही थी कुछ हिस्सा यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ आपके लिए और साथ में उस लेख का लिंक भी दे रहा हूँ !कभी ठन्डे दिमाग से सोचना कि अगर आपके लेख इतने ही मौलिक और उच्च कोटि के है तो प्रबद्ध लोग इस पर आपसे बहस क्यों नहीं करते?? !!!!<br />http://www.paktribune.com/news/index.shtml?224906<br /><br />".....During 1000 years rule of India by the Muslims, the Hindus served the Muslim masters most submissively despite their intense hatred for the Muslims. No sooner the British took over; the Hindus became their most obedient servants and joined hands with the new masters to persecute the Muslims...."पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-35565774204457977132010-02-25T17:04:16.164+05:302010-02-25T17:04:16.164+05:30गोदियालजी.आप भी दिलचस्प आदमी हैं. मोदी के बीच में ...गोदियालजी.आप भी दिलचस्प आदमी हैं. मोदी के बीच में बिल्ली काहे को ले आए ,यह महज मूल्यांकन है,बिल्ली नहीं।जगदीश्वर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/06417945584062444110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-34131554872338080712010-02-25T15:22:21.094+05:302010-02-25T15:22:21.094+05:30Very goodVery goodसहसपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/09067316996435869621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-26134827755869532532010-02-25T15:11:45.567+05:302010-02-25T15:11:45.567+05:30सुना है कलकता में हिन्दी के प्रोफ़ेसर है आप, वो कहा...सुना है कलकता में हिन्दी के प्रोफ़ेसर है आप, वो कहावत तो फिर आप जानते ही होंगे " खिंसियाई बिल्ली खम्बा नोचे "पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com