tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post7945615169523094974..comments2024-02-22T16:01:17.360+05:30Comments on नया जमाना: ब्लॉगिंग पर राष्ट्रीय कानून बनाए सरकारनया जमानाhttp://www.blogger.com/profile/07265292209310274504noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-14250066507611803562009-11-26T18:52:35.985+05:302009-11-26T18:52:35.985+05:30वास्तव में सटीक गंभीर मसला उठाया है आपने... ब्लाग...वास्तव में सटीक गंभीर मसला उठाया है आपने... ब्लागिंग में बहुत कुछ किया जाना चाहिए....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-30490748028292040912009-11-21T22:26:45.060+05:302009-11-21T22:26:45.060+05:30.
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वाकई गंभीर मुद्दा उठाया आपने,
"ब्लॉगर....<br />.<br />.<br />वाकई गंभीर मुद्दा उठाया आपने,<br /><br />"ब्लॉगरों के अधिकारों को लेकर सुनियोजित और स्पष्ट कानून तैयार किया जाए। ब्लॉगर के अधिकारों के बारे में जो भी नया कानून बने उसका बुनियादी आधार होना चाहिए सूचना के अबाधित प्रसारण का अधिकार। राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यापारिक हित और अन्य किसी भी बहाने से इस अधिकार की सीमाएं तय नहीं की जानी चाहिए।"<br /><br />सहमत हूँ, पर "ब्लॉगर" की परिभाषा तक तय नहीं हो पाई अब तक तो !<br /><br /><a href="http://praveenshah.blogspot.com/2009/11/blog-post_20.html" rel="nofollow">आओ 'शाश्वत सत्य' को अंगीकार करें........प्रवीण शाह</a>प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-51572227096942946032009-11-21T20:20:28.308+05:302009-11-21T20:20:28.308+05:30अच्छा प्रश्न उठाया है आपका आकलन सही दिशा मे है सा...अच्छा प्रश्न उठाया है आपका आकलन सही दिशा मे है साधुवादarun prakashhttps://www.blogger.com/profile/11575067283732765247noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-47860938164024301372009-11-21T19:00:59.250+05:302009-11-21T19:00:59.250+05:30एक सामान्य अवधारणा है कि 'कानून काम करवाने के ...एक सामान्य अवधारणा है कि 'कानून काम करवाने के लिए नहीं, काम रूकवाने के लिए बनाए जाते हैं'लोकेश Lokeshhttps://www.blogger.com/profile/12218007406634430572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-31272061766672082142009-11-21T17:18:46.488+05:302009-11-21T17:18:46.488+05:30सुरेश जी से सहमत. यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर ब...सुरेश जी से सहमत. यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर बहस एवं एकराय बनाना जरूरी है वरना कल को सरकार इसका भी गला घोंटने को उतारू हो जाएगी.निशाचरhttps://www.blogger.com/profile/17104308070205816400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-59205970184427077672009-11-21T16:33:14.280+05:302009-11-21T16:33:14.280+05:30ब्लागरी के लिए किसी कानून की आवश्यकता क्यों पड़ रह...ब्लागरी के लिए किसी कानून की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? क्या लेखन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उस पर लगी पाबंदियों के कानून पर्याप्त नहीं हैं क्या?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-32298088359674294052009-11-21T15:10:14.724+05:302009-11-21T15:10:14.724+05:30ांअगे देखते हैं ब्लागर बन्धूयों का क्या विचार है ।...ांअगे देखते हैं ब्लागर बन्धूयों का क्या विचार है । कम से कम नेट की सुविधा तो फ्री मे मिलनी ही चाहिये। बहस के लिये अच्छा मुद्दा है जो भी परिणाम हो उसे ब्लागर्ज़ मीट मे रखा जाना चाहिये और फिर जो कार्वाई बनती हो होनी चाहिये। धन्यवाद इस विषय को ऊठाने के लियेनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-21145803157212265972009-11-21T14:32:13.178+05:302009-11-21T14:32:13.178+05:30जो क़ानून है चाहे किसी भे क्षेत्र में, वे कितने क...जो क़ानून है चाहे किसी भे क्षेत्र में, वे कितने कारगर है, पहले यह सोचना होगा, काननों बनाना मतलब सत्ता पक्ष के हाथो खेलना !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-87160468736483630562009-11-21T14:18:16.670+05:302009-11-21T14:18:16.670+05:30" प्रेस से लेकर इलैक्ट्रोनिक मीडिया तक जि..." प्रेस से लेकर इलैक्ट्रोनिक मीडिया तक जिस तरह कारपोरेट कल्चर ने पैर पसारे हैं और सत्य का रहस्योदघाटन मुश्किल कर दिया है उसने पत्रकारों की अभिव्यक्ति के अधिकांश दरवाजे बंद कर दिए हैं। "<br /><br />तभी तो इमानदार पत्रकार ब्लागिंग का रुख कर रहे हैं। यह सही है कि ब्लागर अपनी ज़िम्मेदारी को समझे... वैमनस्य फैलाने से बचें ॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-4012487767316280812009-11-21T13:03:17.403+05:302009-11-21T13:03:17.403+05:30लेखन में केवल ब्लॉग-लेखन ही एक ऐसा माध्यम है जिसमे...लेखन में केवल ब्लॉग-लेखन ही एक ऐसा माध्यम है जिसमे रीयल टाइम संवाद स्थापित हो सकता है. लेखक अपने पाठक का वैसे तो जवाबदेह होता ही है किन्तु ब्लॉग में आने वाली टिप्पणियों की सुविधा उसपर एक तरह की आवश्यक नियंत्रण तो लगाती ही है. कम से कम हिंदी ब्लॉग लेखन में ऐसी गंभीर अराजकता तो नहीं ही दिखती है. रही बात टिप्पणियों की तो यहाँ भी ब्लोगर बंधुओं को माडरेशन की सुविधा है. मुझे नहीं लगता कि ब्लोगिंग के लिए किसी नए राष्ट्रिय कानून की आवश्यकता है. संविधान में पहले से ही जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर युक्तियुक्त मर्यादाएं लगाई गयी हैं वो पर्याप्त जान पड़ती हैं. वैसे भी महज कानून बना भर देने से कोई समस्या हल नहीं हो जाती.Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-25405947018591794042009-11-21T12:31:27.269+05:302009-11-21T12:31:27.269+05:30आपने बहुत ही गम्भीर सवाल उठाये हैं… और इन पर व्याप...आपने बहुत ही गम्भीर सवाल उठाये हैं… और इन पर व्यापक विचार-विमर्श होना आवश्यक है। चूंकि मीडिया अब बिक चुका है अतः आने वाले समय में ब्लॉगर ही कई नये रहस्योद्घाटन करेंगे, ऐसे में उन्हें 1) कानूनी सुरक्षा, 2) एक मजबूत संगठन का समर्थन, 3) उनके स्रोतों को जाहिर न करने सम्बन्धी दबाव से मुक्ति दिलाई जाना बेहद आवश्यक है। सरकार, सरकारी कारिन्दे या अफ़सर ऐसा कुछ करेंगे इसकी सम्भावना क्षीण ही है, क्योंकि RTI का हश्र और उसमें लगाये जाने वाले अडंगे भी हम देख ही चुके हैं। तब इस महती कार्य के लिये अन्य विकल्प क्या हो सकते हैं इन पर ब्लॉगर सम्मेलनों में विचार होना चाहिये। ब्लागर सम्मेलनों में हीही-ठीठी के बजाय आपके उठाये गये मुद्दों पर विमर्श आवश्यक है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347952622162097882.post-31335176567454923452009-11-21T12:09:39.996+05:302009-11-21T12:09:39.996+05:30क्यों भाई सरकारी बाबुओं के हत्थे चढ़ाना चाहते हो ब...क्यों भाई सरकारी बाबुओं के हत्थे चढ़ाना चाहते हो ब्लागिंग को भी..ब्लागिंग को आज़ाद ही रहने दोKajal Kumarhttps://www.blogger.com/profile/00998541605207954925noreply@blogger.com