किरन खेरजी आप सांसद एवं अभिनेत्री हैं।हम आपकी बहुत इज्जत करते हैं।लेकिन आज कन्हैया कुमार,जेएनयूएसयू ,अध्यक्ष के 1984 के बयान पर आपका बयान देखकर हमें बहुत तकलीफ हुई।
आपको हमने पहले कभी 1984 के कातिलों पर बोलते नहीं सुना,वरना,आप जानती ही हैं कि उसमें कांग्रेस के अलावा आपके दल के लोगों के नाम भी मीडिया में सामने आए थे ,हाल ही में एक आरटीआई से यह रहस्य सामने आया था कि 1984 के दंगों में संघ के कुछ लोगों ने हिस्सा लिया था लेकिन उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।पता नहीं आपको यह खबर सामने आने के बाद आपको संघ पर गुस्सा क्यों नहीं आया ॽ आपको यदि 1984 के हत्यारों से सच में घृणा है तो आपको तो भाजपा को छोड़ देना चाहिए !
कन्हैया कुमार ने 1984 के दंगों का राजनीतिक विवेचन करते समय चूक की , उसे यह चूक नहीं करनी चाहिए,लेकिन किरनजी वह दंगा करने नहीं गया,उसका दल (भाकपा या एआईएसएफ) भी कभी साम्प्रदायिक दंगे करने नहीं गया,1984 के दंगों में भी शामिल नहीं था,लेकिन कांग्रेस-आररएसएस के लोग तो शामिल थे।यह हमने मीडिया में ही नहीं पढ़ा अपने छात्र जीवन में जेएनयू , दिल्ली , में पढ़ते हुए,सिख नरसंहार पीडिताओं के मुँह से शरणार्थी शिविरों में प्रत्यक्ष सुना है। मैं उन दिनों जेएनयूएसयू का अध्यक्ष था,कन्हैया कुमार,जेएनयूएसयू,की उसी परंपरा का वारिस है।जिस तरह आप आरएसएस-भाजपा की परंपरा की वारिस है।
किरनजी आप सोचकर देखें आप कहां खड़ी हैं और कन्हैया कुमार कहां खड़ा है ॽआप हत्यारों के साथ हैं और कन्हैया सिख नरसंहार में मदद करने वालों की परंपरा में खड़ा है।आपको 1984 के दंगे पर बोलते समय सबसे पहले अपने नीचे की जमीन देखनी चाहिए ,आपके नीचे की जमीन में सिखों के हत्यारों के चिह्न मिलेंगे,जरा एकबार चप्पलें उतार जमीन पर ठीक से पैर उठाकर तो देखें कि आप किनके ऊपर खड़ी हैं ॽ किस परंपरा के साथ जुड़ी हैं ॽ
किरनजी, मैं नहीं कहता आप दंगाई हैं,मैं नहीं कहता आप अमानवीय हैं,लेकिन मैं आपसे यह उम्मीद तो कर ही सकता हूँ कि कभी हत्यारों को पुलिस के हवाले करवाने में आरएसएस पर दबाव डालेंगी,कम से कम से कम जिन आरएसएस वालों के नाम पुलिस केस दर्ज नहीं हुआ उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की कोशिश करेंगी।मैं चाहता हूं पहले आप कांग्रेस-आरएसएस के 1984 के हत्यारों के नामोल्लेख करते हुए बयान तो जरूर दें।
किरनजी, आपने अकारण कन्हैया कुमार को कोसा है कि वह अपनी माँ का ख्याल करे,इत्यादि इत्यादि। मैं कन्हैया को नहीं जानता,मैं उससे कभी नहीं मिला,मैंने उसकी माँ को टीवी पर सुना है,उसके बयान को सुनकर यही लगा कि कन्हैया कुमार जो कुछ कर रहा है वह अपनी माँ के सपनों के अनुरूप ही कर रहा है।आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कन्हैया की मां देखने में सरल,सीधी महिला है लेकिन चेतना में क्रांतिकारी है।आप क्रांतिकारी माताओं से नहीं मिली हैं इसलिए उनके सपनों के बारे में नहीं जानतीं, कभी समय निकालकर कन्हैया कुमार की माँ से जाकर मिलकर देखो और जानने की कोशिश करो कि वह महिला क्या सोचती है अपने पुत्र के बारे में !
किरनजी ,आप कलाकार हैं,लेकिन कन्हैया के 1984 के बयान पर आपकी कलाकारी रंग नहीं दिखा पाई!! आपको दीक्षा अच्छी नहीं मिली,अच्छी ट्रेनिंग रही होती तो कन्हैयाकुमार ने बहुत कुछ बोला है मोदीजी के बारे में उसकी तीखी आलोचना करतीं,लेकिन आपको तो किसी ने सिखा दिया कि 1984 के बयान पर कन्हैया को घेर लो,लेकिन आपको तो मालूम है वो नटखट कन्हैया है,चट से दुरूस्त कर लेता है,उसने बयान की चूक को दुरूस्त कर लिया,आपने दुरूस्त अंश को क्यों नहीं पढ़ा ॽ आप अभिनय करें लेकिन पूरी स्क्रिप्ट देखकर ! अधूरी स्क्रिप्ट से अभिन्य भी अधूरा ही रहता है,आप कलाकार है,आप मेरी बात को गंभीरता से लेंगी,कन्हैया ने बयान दुरूस्त कर लिया है उसे आगे बढ़ने का साहस देंगी!!
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