गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अमेरिकी तंत्र की शर्मनाक भूमिका


मनमोहन सिंह के शासनकाल में स्थितियां इतनी बदतर हो गयी हैं कि अमेरिका खुल्लमखुल्ला भारत की आंतरिक राजनीति में सीधे हस्तक्षेप कर रहा है। खासकर अमेरिकी प्रशासन की पश्चिम बंगाल के चुनावों में गहरी दिलचस्पी चिंता की बात है। यह भारत की राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है।

दैनिक हिन्दू ने 21 अप्रैल 2011 को जो विकीलीक केबल प्रकाशित किया है उसके कई अर्थ हैं। उसमें सबसे खतरनाक अर्थ है अमरीका की पश्चिम बंगाल की स्थानीय राजनीति में गहरी दिलचस्पी। यह केबल कोलकाता स्थित अमेरिकी कॉसुलेट के द्वारा भेजा गया है। इस केबल में कौंसुलेट ने साफ तौर पर लिखा है कि ममता बनर्जी अमेरिकापरस्त हैं। उन्होंने कभी अमेरिका की आलोचना नहीं की है। इस केबल में यह भी कहा गया है ममता बनर्जी के नेतृत्व में यदि राज्य सरकार बनती है तो वह अमेरिका के प्रति मित्रता रखेगी।

इस पूरे केबल में सबसे महत्वपूर्ण अंश है -" Post recommends USG officials continue to cultivate Banerjee," यानी अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों को साफ कहा गया है कि ममता बनर्जी को कल्टीवेट करें। यह भारत की आंतरिक राजनीति में सीधे हस्तक्षेप है।सभी देशभक्त ताकतों को अमेरिका के इस तरह के कल्टीवेट करने वाले प्रयासों की तीखी निंदा करनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल के चुनावों में कोई भी जीते या हारे। लेकिन अमेरिका भारत की आंतरिक राजनीति में दिलचस्पी क्यों लेगा ? कायदे से भारत के प्रधानमंत्री को सीधे अमेरिकी राजनयिकों को बुलाकर अपना प्रतिवाद दर्ज करना चाहिए। उल्लेखनीय है एकबार पहले भी सीआईए ने पश्चिम बंगाल में वामविरोधी ताकतों को पैसा देकर मदद की थी। यहां हम उस केबल के अंश को दे रहे हैं-

6. (SBU) Skepticism remains whether Banerjee's makeover truly represents a new product - cooler, more level-headed, and willing to accept outside advice - or simply the season's new political makeup. Consensus exists that she is conscientiously trying to transform her image from political maverick and firebrand to a woman ready, able and willing to lead India's fourth most populous state. Her party's public rhetoric, devoid of any anti-Americanism, and private outreach to post's officers are encouraging signs that a Banerjee-led West Bengal government will be friendlier to the United States than the current CPI-M one. Post recommends USG officials continue to cultivate Banerjee, who has not yet visited the United States, in her current capacity as Railways Minister and the likely next Chief Minister of West Bengal.

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