सोमवार, 10 अगस्त 2009

मंगलकोट : माकपा की असफल रणनीति‍

मंगलकोट में कल दि‍न में कांग्रेस का एक प्रति‍नि‍धि‍मंडल घूमने गया और बांग्‍ला चैनलों ने उसका जो कवरेज दि‍या वह कवरेज स्‍वयं में बहुत कुछ बयां कर रहा था। आतंक प्रभावि‍त गांव में जब प्रति‍नि‍धि‍मंडल पहुंचा तो कि‍सी भी व्‍यक्‍ति‍ ने उससे बात नहीं की। टीवी कैमरे में सि‍र्फ गांव के वि‍ध्‍वंस के चि‍त्र दि‍खाई दे रहे थे, जले घर,जले खेत,वि‍ध्‍वस्‍त इलाका , गांव का वैसा ही दृश्‍य था जैसा कभी कभी फि‍लीस्‍तीन इलाकों में इस्राइल की बमबारी के बाद गाजा से आता है ।
मंगललोट में व्‍याप्‍त शांति‍ को कांग्रेस प्रति‍नि‍धि‍मंडल के नेता सुब्रत मुखर्जी ने श्‍मशान की शांति‍ की संज्ञा दी। आश्‍चर्य की बात यह है कि‍ पीड़ि‍त गांव में कोई बोलने को तैयार नहीं था ,किंतु इस गांव से चंद सौ गज की दूरी पर ही कांग्रेस ने वि‍शाल प्रति‍वाद सभा का आयोजन कि‍या था और उसमें हजारों की तादाद में आसपास के इलाके से लोग शामि‍ल हुए , यह बात और कि‍सी ने नहीं स्‍वयं माकपा संचालि‍त टीवी चैनल '24 घंटा' ने रेखांकि‍त की। बाकी चैनलों ने भी यही तथ्‍य रेखांकि‍त कि‍या। इस प्रसंग में उल्‍लेखनीय है राज्‍य प्रशासन का नि‍कृष्‍टतम रवैयया। एक दि‍न पहले राज्‍य प्रशासन ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को मंगलकोट जाने नहीं दि‍या उनकी सभा नहीं होने दी ,सभा में आई नि‍हत्‍थी जनता की जमकर पि‍टाई की। इसके पहले कांग्रेस के वि‍धायकों के प्रति‍नि‍धि‍मंडल को ऐसे ही जमकर कैडर ने पीटा था और पुलि‍स देखती रही। मंगलवार को ममता बनर्जी ने मंगलकोट जाने की घोषणा की है और राज्‍य प्रशासन के लि‍ए चुनौती भी दी है कि‍ उन्‍हें रोका गया तो ठीक नहीं होगा।
मंगलकोट में माकपा का नेतृत्‍व वही गलती करने जा रहा है जो गलती उसने नंदीग्राम में की थी। यदि‍ माकपा ने अपनी जि‍द्दी राजनीति‍ को जल्‍दी ही ति‍लांजलि‍ नहीं दी तो बर्धमान जैसा माकपा का कि‍ला वैसे ही ढह जाएगा जैसे नंदीग्राम का कि‍ला ढह गया था। मंगलकोट में कांग्रेस की रैली का यह संदेश है कि‍ इलाके की जनता माकपा को एकसि‍रे से ठुकरा चुकी है वरना मंगलकोट जैसे माकपा के गढ़ में कांग्रेस इतनी वि‍शाल रैली कैसे करने में सफल हो गया,मंगलकोट में यदि‍ नंदीग्राम दोहराया जाता है तो माकपा के लि‍ए यह सबसे बुरी खबर होगी, बल्‍कि‍ लोकसभा चुनाव की पराजय से भी बुरी खबर होगी।

1 टिप्पणी:

  1. Mangalkot ki shmshani shanti tatha prashashnik nikkmepan ke saath-saath jandristi-bhangi me aaye badlaw ka bebaak paridrishya atyant prabhawshali hai.Sachmuch jab-jab rajneeti aatank ka paryay bani hai jeevan ne kuchh aise hi karwat lee hai.
    rewa

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