आरएसएस-पीएम मोदी एंड कंपनी मिलकर कांग्रेस-सोनिया गांधी-राहुल गांधी आदि के खिलाफ सुनियोजित ढ़ंग से झूठा प्रचार अभियान चलाए हुए हैं।आरएसएस की रणनीति यह है कि नियमित सोनिया गांधी के खिलाफ समाचार,स्कैंडल आदि मीडिया से लेकर संसद तक उछाले जाएं,इस काम में वे पेशेवर प्रचारकों,साइबर प्रचारकों , मीडिया संवाददाताओं और स्तंभलेखकों की मदद ले रहे हैं।इस पूरी षडयंत्रकारी योजना का लक्ष्य है देश की बुनियादी समस्याओं सूखा,कृषि संकट,पानी संकट,स्वास्थ्य,महंगाई,शिक्षा के आदि के बुनियादी सवालों से आम जनता को विमुख करना। इस काम के लिए सरकारी धन का तो दुरूपयोग हो ही रहा है साथ ही कारपोरेट फंड भी इस काम में इस्तेमाल हो रहा है।
संघ संचालित पत्रकार-नेता-चैनल इस तरह पेश आ रहे हैं गोया वे कोई महान चीज खोजकर लाए हैं।इस समूची प्रक्रिया मे सत्य का अनुसंधान करने की मानसिकता का मीडिया से लोप हो गया है।कोई भी संघी नेता कुछ भी बोल देता है और मीडिया उसे बिना किसी छानबीन के सीधे प्रकाशित कर देता है।वहीं आम जनता में इस तरह के कु-लेखन और कु-समाचारों को अनालोचनात्मक ढ़ंग से हजम करने की प्रवृत्ति को बल मिला है,पाठकों के एक बड़े वर्ग ने विवेक,तर्क और प्रमाण के आधार पर सोचना और देखना बंद कर दिया है,अब जो मीडिया में दिख रहा है वही प्रमाण है,इस मनोदशा ने समूचे मीडिया परिदृश्य को सोनिया विरोधी कु-खबरों से भर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि मीडिया में सोनिया गांधी के खिलाफ कु-खबरें भरी पड़ी हैं,संघी उछल-उछलकर हंगामे कर रहे हैं लेकिन किसी भी खबर का अनुसरण करके सोनिया गांधी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से मोदी सरकार भागती रही है। इस तरह निराधार खबरों,तथ्यहीन बातों और मीडिया प्रेशर के आधार पर सोनिया गांधी विरोधी उन्माद निर्मित किया जा रहा है।इस तरह के षडयंत्रकारी लेखन और प्रचार का जमकर विरोध किया जाना चाहिए। इस तरह के प्रचार का मूल लक्ष्य है लोकतंत्र को नष्ट करना,आम जनता के मन को अफवाह और तथ्यहीन खबरों से भरकर उन्मादी भीड़ के रूप में आरएसएस की मुहिम में इस्तेमाल करना।
संघ संचालित पत्रकार-नेता-चैनल इस तरह पेश आ रहे हैं गोया वे कोई महान चीज खोजकर लाए हैं।इस समूची प्रक्रिया मे सत्य का अनुसंधान करने की मानसिकता का मीडिया से लोप हो गया है।कोई भी संघी नेता कुछ भी बोल देता है और मीडिया उसे बिना किसी छानबीन के सीधे प्रकाशित कर देता है।वहीं आम जनता में इस तरह के कु-लेखन और कु-समाचारों को अनालोचनात्मक ढ़ंग से हजम करने की प्रवृत्ति को बल मिला है,पाठकों के एक बड़े वर्ग ने विवेक,तर्क और प्रमाण के आधार पर सोचना और देखना बंद कर दिया है,अब जो मीडिया में दिख रहा है वही प्रमाण है,इस मनोदशा ने समूचे मीडिया परिदृश्य को सोनिया विरोधी कु-खबरों से भर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि मीडिया में सोनिया गांधी के खिलाफ कु-खबरें भरी पड़ी हैं,संघी उछल-उछलकर हंगामे कर रहे हैं लेकिन किसी भी खबर का अनुसरण करके सोनिया गांधी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से मोदी सरकार भागती रही है। इस तरह निराधार खबरों,तथ्यहीन बातों और मीडिया प्रेशर के आधार पर सोनिया गांधी विरोधी उन्माद निर्मित किया जा रहा है।इस तरह के षडयंत्रकारी लेखन और प्रचार का जमकर विरोध किया जाना चाहिए। इस तरह के प्रचार का मूल लक्ष्य है लोकतंत्र को नष्ट करना,आम जनता के मन को अफवाह और तथ्यहीन खबरों से भरकर उन्मादी भीड़ के रूप में आरएसएस की मुहिम में इस्तेमाल करना।
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