आरएसएस वाले कहते हैं उनको हिन्दू आतंकी संगठन मत कहो,हिन्दू फंडामेंटलिस्ट और साम्प्रदायिक संगठन मत कहो,हम तो यही कहेंगे अपनी राजनीति गतिविधियां बंद कर दो, लोग बोलना बंद कर देंगे।स्वयंसेवी संगठन की आड़ में राजनीति करोगे,अन्य किस्म की हथियारयुक्त गतिविधियां करोगे तो लोग अंगुली उठाएंगे,तुमने वायदा किया था राजनीति नहीं करोगे ,लेकिन सामाजिक संगठन होने का दावा करते हो।
तुम्हारे सदस्य फेसबुक से लेकर पीएम की कुर्सी तक संघ की राजनीति करते हैं,संघ प्रमुख राजनीतिक बयान देते रहते हैं ,जाहिर है राजनीति करोगे तो राजनीतिक गतिविधियों के आधार पर तुम्हारा नामकरण भी होगा,उससे चिढो मत,झेलो,और सामाजिक संगठन का दावा करना बंद करो।जितने भी नए नाम आरएसएस को दिए गए हैं वे गतिविधियों के कारण दिए गए हैं।
तुम अपने सदस्यों पर लगे केस हटवा सकते हो लेकिन गतिविधियों को नहीं मिटा सकते,आम जनता गतिविधियों को याद रखती है,वह मौका मिलने पर सबक भी सिखाती है।लेकिन तुमने जनता को सबक सिखाने,उसके दिलोदिमाग को प्रदूषित करने की नई कला विकसित की है,तुम समाचार चैनलों का जमकर दुरूपयोग कर रहे हो,आम जनता के मन को प्रदूषित कर रहे हो,लेकिन यह तिकड़म आम जनता धीरे धीरे समझ रही है।
कल्पना करो जनता जब समझ जाएगी तो बचकर कहां जाओगे,हिटलर को जब दुनिया समझ गयी तो उसकी क्या दशा की थी,मुसोलिनी जो तुम्हारा गुरू है,उसका इटली में नाम लेवा तक नहीं है,तुम बस यह सोचो कि मुसोलिनी-हिटलर जैसे ताकतवर नेता और उनके संगठन जब धरती से गायब हो सकते हैं तो आरएसएस को गायब होने में कितना वक्त लगेगा,जरा सोचकर देखो जनता पलटवार करेगी तो कहां जाओगे !!
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