सोमवार, 2 अगस्त 2010

रूपक मडरॉक का इंटरनेट स्वतंत्रता पर हमला


                     (ऱूपक मडरॉक)     
जब सारी दुनिया में उत्तर आधुनिक विचारक अंत का बिगुल बजाते हुए विचारधारा का अंत, समाजवाद का अंत,मार्क्सवाद का अंत,आधुनिकता का अंत,साहित्य का अंत आदि का जयघोष कर रहे थे और सबके सामने सच के ज्ञाता होने का दावा कर रहे थे उस समय उन्हें मालूम ही नहीं था कि जिस संचार क्रांति को वे उत्तर आधुनिकता की धुरी बता रहे हैं और कार्ल मार्क्स को कब्र में सुलाने के प्रयास कर रहे हैं, उसी संचार क्रांति के महामाध्यम इंटरनेट ने ‘अंत’ का ही ‘अंत’ कर दिया है।
     इंटरनेट की खूबी है कि यहां ‘दि एण्ड’ पदबंध नहीं है। यहां अंतिम पन्ना भी नहीं होता। इंटरनेट में अखबार के कल के अंक की व्यवस्था भी नहीं है। नेट पर सब कुछ रीयलटाइम और अनंत रूपों में घटित होता रहता है। इंटरनेट की अंतर्वस्तु अनंतरूपा और अंतहीन है। यह अंत का अंत है।
     इसी प्रसंग में कार्ल मार्क्स की एक बात याद आती है, उन्होंने लिखा था कि प्रत्येक चीज और वस्तु में उसका विलोम होता है। अंतर्विरोध होते हैं। अंत के अंत की थ्योरी और तकनीक में से ही अंत सामने आया है,इसकी कभी उत्तर आधुनिकों ने कल्पना तक नहीं की थी।
    आज सूचना का नियंता यूजर है। वह तय करे कि सूचना की शक्ति क्या है ? सीमा क्या है ? हाल ही में रूपक मडरॉक के न्यूज कारपोरेशन ने अपने कारपोरेशन की खबरों को गूगल द्वारा संक्षिप्त समाचार के रूप में दिखाए जाने पर पाबंदी लगा दी है । क्या न्यूज कारपोरेशन की इस हरकत से इंटरनेट आकर्षक रह जाएगा ? न्यूज कारपोरेशन वाले चाहते हैं कि उनके अखबार,पत्रिका आदि को इंटरनेट पर भुगतान के जरिए पढ़ा जाए और यह इस कारपोरेशन की अलोकतांत्रिक हरकत है।यह सीधे इंटरनेट की अबाधित संचार की धारणा में कारपोरेट हस्तक्षेप है।  इसकी जमकर आलोचना की जानी चाहिए। इंटरनेट का आनंद है इसकी असीमित अंतर्वस्तु। रूपक मडरॉक अंतर्वस्तु पर भुगतान का लेबल लगाकर अंतर्वस्तु के अनंत संसार की हत्या करना चाहता है। देखना है रूपक मडरॉक इसमें सफल होता है या इंटरनेट का जादुई संसार।
उल्लेखनीय है इस समय इंटरनेट पर सर्वोच्च 10 भाषाओं के यूजरों की संख्या इस प्रकार है-अंग्रेजी 495.8 मिलियन,चीनी 407.7 मिलियन,स्पेनिश 139.8 मिलियन, जापानी 96.0 मिलियन, पोर्चुगीज 77.6 मिलियन,जर्मन 72.3 मिलियन,फ्रेंच 57.0.रूसी 45.3 मिलियन, कोरियन 37.5 प्रतिशत और इनके अलावा भाषाओं के इंटरनेट यूजरों की कुल संख्या है 313.7 मिलियन यूजर।


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