कांग्रेस ने अमेरिकी नव्य-उदारतावाद के मार्ग का अनुसरण करते हुए एक नया कदम उठाया है अब भारत सरकार ने समय की कसौटी पर खरी उतरी भारत-ऱूस मैत्री को तिलांजलि देते हुए अमेरिकी मार्ग पर पूरी तरह चलने का फैसला कर लिया है। आगामी नबम्वर में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के दौरे पर आने वाले हैं और इस मौके पर रूस की दोस्ती को धता बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 5 बिलियन डॉलर के हथियार अमेरिका से खरीदने का फैसला किया है। ओबामा की भारत यात्रा के मौके पर शस्त्र खरीद से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। उल्लेखनीय कि अभी तक भारत सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदता था। लेकिन ओबामा के साथ नबम्वर में जो शस्त्र खरीद पर जो समझौता होगा उसके बाद से रूस की जगह अमेरिका पहले स्थान पर आ जाएगा।
जगदीश्वर चतुर्वेदी। कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर। पता- jcramram@gmail.com
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