शनिवार, 3 जुलाई 2010

बौद्धिक संपदा चोरी में चीन सबसे आगे

     हाल ही में अमेरिका के इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ने कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा के कानूनों के उल्लंघन के मामले में जांच का काम आरंभ किया है। चीन के द्वारा की जा रही बौद्धिक संपदा की चोरियों के कारण अमेरिकी उद्योग जगत को बड़े  पैमाने पर घाटा उठाना पड़ रहा है। इस बौद्धिक संपदा की चोरी के कई आयाम हैं। खासकर संगीत, सिनेमा, सॉफ्टवेयर आदि के क्षेत्र में चीन के द्वारा की जा रही चोरी और नकली मालों की बिक्री से अमेरिकी संस्कृति उद्योग को अरबों डॉलर का चूना लगा है।
   दूसरी बात यह है कि स्वयं अमेरिकी मीडिया कंपनियों के द्वारा नकली सीडी वगैरह बनाकर चीन में बेची जा रही हैं। अमेरिका स्थित बिजनेस सॉफ्टवेयर एलायंस नामक व्यापारिक संस्था ने कहा है कि सन् 2009 में चीन ने 97 प्रतिशत सॉफ्टवेयर जो इस्तेमाल किया उसका सही मूल्य पर भुगतान नहीं किया। इस तरह तकरीबन 7.6बिलियन डॉलर का खुदरा नुकसान दर्ज किया गया।
   अमेरिकी सीमा पर चीन से आए सामान में  79 प्रतिशत चोरी छिपे लाया गया। चीन की स्थिति यह है कि वस्तुओं की बिक्री के मामले में वह किसी भी किस्म के अंतर्राष्ट्रीय नियम-कानून को मानने के लिए तैयार नहीं है। चीन में चोरी और नकली सामान के मामले में किसी भी किस्म के अंतर्राष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते।





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मेरा बचपन- माँ के दुख और हम

         माँ के सुख से ज्यादा मूल्यवान हैं माँ के दुख।मैंने अपनी आँखों से उन दुखों को देखा है,दुखों में उसे तिल-तिलकर गलते हुए देखा है।वे क...