हाल ही में अमेरिका के इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ने कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा के कानूनों के उल्लंघन के मामले में जांच का काम आरंभ किया है। चीन के द्वारा की जा रही बौद्धिक संपदा की चोरियों के कारण अमेरिकी उद्योग जगत को बड़े पैमाने पर घाटा उठाना पड़ रहा है। इस बौद्धिक संपदा की चोरी के कई आयाम हैं। खासकर संगीत, सिनेमा, सॉफ्टवेयर आदि के क्षेत्र में चीन के द्वारा की जा रही चोरी और नकली मालों की बिक्री से अमेरिकी संस्कृति उद्योग को अरबों डॉलर का चूना लगा है।
दूसरी बात यह है कि स्वयं अमेरिकी मीडिया कंपनियों के द्वारा नकली सीडी वगैरह बनाकर चीन में बेची जा रही हैं। अमेरिका स्थित बिजनेस सॉफ्टवेयर एलायंस नामक व्यापारिक संस्था ने कहा है कि सन् 2009 में चीन ने 97 प्रतिशत सॉफ्टवेयर जो इस्तेमाल किया उसका सही मूल्य पर भुगतान नहीं किया। इस तरह तकरीबन 7.6बिलियन डॉलर का खुदरा नुकसान दर्ज किया गया।
अमेरिकी सीमा पर चीन से आए सामान में 79 प्रतिशत चोरी छिपे लाया गया। चीन की स्थिति यह है कि वस्तुओं की बिक्री के मामले में वह किसी भी किस्म के अंतर्राष्ट्रीय नियम-कानून को मानने के लिए तैयार नहीं है। चीन में चोरी और नकली सामान के मामले में किसी भी किस्म के अंतर्राष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते।
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