रविवार, 19 दिसंबर 2010

विकीलीक प्रमुख जूलियन असांजे निर्दोष है

           विकीलीक के रहस्योदघाटन के बाद से ओबामा प्रशासन विकीलीक के खिलाफ बहुस्तरीय आक्रामक मुद्रा में सामने आया है। इस एक्सपोजर को वे सहज रूप में नहीं ले रहे हैं। ओबामा प्रशासन ने इस रहस्योदघाटन की निंदा की है। वे जूलियन असांजे के खिलाफ जासूसी कानून का इस्तेमाल करने की धमकी दे रहे हैं। विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने तो असांजे को अपराधी तक कहा है। यह भी कहा है कि यह अमेरिकी विदेश नीति पर हमला है। विकीलीक को बहाना बनाकर डोमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही दल इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की आजादी को नियंत्रित करने के लिए जल्दी से नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
   विकीलीक के रहस्योदघाटन से यह बात भी साफ हो गयी है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने चुनाव के दौरान इराक-अफगानिस्तान युद्धविरोध का जो वायदा किया था वह सफेद झूठ था। कायदे से ओबामा प्रशासन को असांजे की मदद करना चाहिए थी और उसके एक्सपोजर का स्वागत करना चाहिए था। लेकिन ओबामा प्रशासन ने एकदम उलटा रास्ता पकड़ा है। ओबामा प्रशासन विकीलीक एक्सपोजर के बहाने इंटरनेट स्वतंत्रता को ही खत्म कर देना चाहता है। वे अपनी नीतियों की असफलताओं के बारे में आत्मालोचना नहीं कर रहे बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ही खत्म कर देना चाहते हैं।
   कायदे से ओबामा प्रशासन को इस बात को बताना चाहिए कि आखिरकार इतने बड़े पैमाने पर पेंटागन,सीआईए और विदेश विभाग के दस्तावेज,केबल आदि को विकीलीक ने कैसे हासिल किया ? अमेरिका के इतने विशाल सुरक्षा तंत्र को विकीलीक की टीम भेदने में कैसे सफल रही ? इस एक्सपोजर ने अमेरिकी विदेश नीति के सभी दावों को गलत साबित किया है। खासकर इराक और अफगानिस्तान में जो कुछ चल रहा है और जिस भयावह तरीके से हो रहा है, उससे अमेरिकी मंशाओं और दावों की पोल खुल गयी है। विकीलीक के एक्सपोजर ने यह भी बताया है कि विभिन्न देशों में अमेरिका के दूतावास बुनियादी तौर पर संबंधित देश में जासूसी और राजनीतिक हस्तक्षेप का काम कर रहे हैं। एक ही वाक्य में कहें तो अमेरिका के दूतावास जासूसी के केन्द्र बन गए हैं।
    विकीलीक के एक्सपोजर के बारे में दक्षिणपंथी विचारकों ने तो यहां तक कहा है कि जूलियन असांजे की हत्या कर देनी चाहिए। इसके लिए जरूरी हो तो माफिया गिरोहों की मदद ली जाए,ड्रोन विमान से हमले किए जाएं या किसी भी तरह असांजे को उठा लिया जाए।
     विकीलीक के एक्सपोजर के बारे में यह बात कह सकते हैं कि इसमें मिथ्या कुछ भी नहीं है ये दस्तावेजी सबूत हैं। इन्हें गॉसिप कहकर खारिज नहीं कर सकते। ये किसी पत्रकार की कलम की उपज नहीं हैं ,ये दस्तावेज हैं ,ये पत्रकारिता की कच्ची सामग्री हैं,ये अमेरिकी विदेश नीति के आधिकारिक दस्तावेज हैं। विश्वप्रसिद्ध विद्वान नॉम चोम्स्की ने कहा है कि इन दस्तावेजों से यह पता चलता है कि अमेरिकी प्रशासन में लोकतंत्र के प्रति कितनी गहरी घृणा भरी हुई है।साथ ही अमेरिकी विदेशसेवा -हिलेरी क्लिंटन से लेकर अदने अफसर तक- में जो लोग काम कर रहे हैं उनमें लोकतंत्र के प्रति कितनी घृणा भरी हुई है। जो लोग जूलियन असांजे का विरोध कर रहे हैं वे असल में लोकतंत्र के प्रति अपनी घृणा का ही इजहार कर रहे हैं। लोकतंत्रविरोधी घृणा को असांज की ओर मोड़ दिया गया है।
    उल्लेखनीय है  कारपोरेट मीडिया अहर्निश लोकतंत्र विरोधी प्रचार कर रहा है और उसे वे सारी चीजें नापसंद हैं जो लेकतंत्र के पक्ष में हों। विकीलीक का एक्सपोजर लोकतंत्र की महानसेवा है और यही वह बुनियादी बिंदु है जहां पर हमें इसके खिलाफ शस्त्र उद्योग, मीडियाविशेषज्ञों और अमेरिकी प्रशासन के बीच गहरी सांठगांठ साफ नजर आती है। भारत में भी कारपोरेट मीडिया उन नेताओं और बाहुबलियों का महिमामंडन करता रहता है जो आए दिन अपराध करते हैं,विभिन्न किस्म के हिंसाचार में शामिल रहे हैं।
      विकीलीक के एक्सपोजर ने यह तथ्य रेखांकित किया है कि हमें लोकतंत्र के विकास के लिए जूलियन असांजे जैसे असंख्य लोगों की जरूरत है जो लोकतंत्र की आड़ में चल रहे लोकतंत्रविरोधी समूचे तंत्र को निरंतर नंगा करते रहें। इससे अबाध सूचनाओं का प्रसार होगा। अभिव्यक्ति की आजादी का विस्तार होगा। लोकतंत्र में पारदर्शिता,खुलापन और सत्ता के खिलाफ बोलने की हिम्मत पैदा होगी।
    उल्लेखनीय है सन् 1971 में जब पहलीबार वियतनाम युद्ध के दस्तावेज मीडिया में प्रसिद्ध पत्रकार डेनियल एल्सबर्ग ने प्रकाशित किए थे तो उस समय अमेरिकी प्रशासन ने उसे गद्दार,देशद्रोही आदि तक कहा था। विकीलीक के प्रकाशन पर डेनियल ने कहा है उस समय मुझे गद्दार ही नहीं बल्कि आतंकवादी तक कहा गया था। आज जो लोग जूलियन असांज को निशाना बना रहे हैं औऱ आतंकवादी बता रहे हैं, मैं इस संदर्भ में यही कहना चाहता हूँ कि असांज आतंकवादी नहीं है।
    असांज पर अमेरिकी प्रशासन जासूसी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की सोच रहा है, साथ ही अन्य कानूनों के तहत उसे कैसे फंसाया जा सकता है उस पर भी ओबामा प्रशासन के अधिकारी तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच में ‘हाउस जुडीशियरी कमेटी’ के सदर ने कहा है कि जूलियन असांजे ने गुप्त दस्तावेजी खुलासा करके जासूसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। सदर जॉन कॉनवेयर्स  ने विकीलीक के प्रसंग में चल रही सुनवाई के प्रसंग में कहा कि अमेरिका में वक्तृता परम पवित्र है। उन्होंने उन तमाम मांगों को खारिज कर दिया जिनमें विकीलीक के दस्तावेजों के मीडिया में प्रकाशन पर पाबंदी लगाने की मांग की गयी थी।
    उल्लेखनीय है ओबामा प्रशान विकीलीक के प्रधान संपादक जूलियन असांजे पर जासूसी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग कर रहा ता। जॉन ने कहा कि अभी यह मामला आरंभिक अवस्था में है और विकीलीक अलोकप्रिय भी है। अनेक लोग सोच रहे हैं कि विकीलीक ऑफेंसिव है। जॉन ने कहा कि अलोकप्रियता कोई अपराध नहीं है। इसी तरह  ऑफेसिव चीजें छापना भी अपराध नहीं है। अनेक राजनेताओं,पत्रकारों और विशेषज्ञों ने मुझे बार बार फोन करके उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की इससे मुझे असुविधा हुई है। जॉन कॉनवेयर्स ने कहा "And so whatever you think about this controversy, it is clear that prosecuting Wikileaks would raise the most fundamental questions about freedom of speech, about who is a journalist, and about what the public can know about the actions of its own government," आगे कहा "But let us not be hasty, and let us not legislate in a climate of fear or prejudice,"
   उल्लेखनीय है अमेरिका के कारपोरेट मीडिया और दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के सीनेटरों ने विकीलीक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। ये लोग इस तरह के एक्सपोजर को रोकने के लिए नए कानून बनाने की मांग भी कर रहे हैं। इस पर सदर जॉन कॉनवेयर्स ने आगे कहा ‘‘For, in such an atmosphere, it is our constitutional freedoms and our cherished civil rights that are the first to be sacrificed in the false service of our national security."





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