मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

ओबामा का परमाणु असत्य


     अमेरिका में राजनीतिज्ञों खासकर राष्ट्राध्यक्षों के द्वारा सफेद झूठ बोलने की परंपरा रही है। झूठे राष्ट्रपतियों की सूची में नयी एण्ट्री है राष्ट्रपति बराक ओबामा की। हाल ही में रुस -अमेरिका के बीच में परमाणु अस्त्र कम करने के बारे में एक समझौता हुआ है। इस समझौते को नयी स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी का नाम दिया गया है। उल्लेखनीय है ऐसा समझौता सोवियत संघ के साथ पहले भी हुआथा और उसका अमेरिका ने पालन नहीं किया।
    नए समझौते के अनुसार 1,550 परमाणु अस्त्र दोनों देश का करेंगे। लेकिन तुर्की में तैनात परमाणु अस्त्रों के बारे में अमेरिका ने चुप्पी साधी हुई है। दक्षिणी अनातेलिया के इनकिरलिक हवाई अड्डे पर तैनात परमाणु अस्त्रों को अनेरिका हटाने नहीं जा रहा है। यह भी कह सकते हैं कि नए समझौते में कहीं पर भी यह नहीं लिखा है कि दुनिया के विभिन्न देशों में अमेरिका के जो परमाणु हथियार लगे हैं वे हटाए जाएंगे।
     जब पत्रकारों ने अमेरिकी प्रशासन से यह जानना चाहा कि क्या पांच यूरोपीय देशों में लगे अमेरिकी परमाणु अस्त्र हटाए जाएंगे तो अमेरिकी अधिकारी ने इसका नकारात्मक उत्तर दिया। उल्लेखनीय है अमेरिका के परमाणु अस्त्रों से लैस 200 बी61 बमबर्षक विमान तुर्की,बेलजियम, फ्रांस, नीदरलैण्ड और जर्मनी में तैनात हैं। ये विमान शीतयुद्ध के जमाने से तैनात हैं। अलकेले तुर्की में ही 90 परमाणु युद्धास्त्र इनकिरलिक हवाई अड्डे पर तैनात हैं। अमेरिका ने धमकी दी है कि तुर्की में लगे 90 परमाणु युद्धास्त्रों का ईरान के खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है।





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