रविवार, 14 अक्तूबर 2012

जंगीपुर की जीत एफ.डी.आई के लिए हरी झंडी--जगदीश्वर चतुर्वेदी

जंगीपुर लोकसभा उपचुनाव में कॉग्रेस प्रत्याशी अभिजीत मुखर्जी की 2536 वोटों से जीत हुई है।यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण है।पहली चीज़ यह कि यहां लेफ्ट,टीएमसी और बीजेपी तीनों ही एफडीआई का विरोध कर रहे हैं,ऐसे में अभिजीत मुखर्जी का जीतना सामान्य घटना नहीं है।कॉग्रेस जिस तरह के अलगाव की स्थिति में थी इस जीत ने जनता के साथ उसके अलगाव को तोड़ने का काम किया है।अभिजीत मुखर्जी का यह कहना सही है कि कॉग्रेस के 60-70 हजार के करीब वोटर उनकी कॉन्स्टीट्यूनसी से माइग्रेट होकर बाहर जा चुके थे और लौटकर वापस नहीं आए,इस कारण कॉग्रेस की जीत का मार्जिन घटा है।इस जीत का दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कॉग्रेस स्वतंत्र रुप से अपनी पहचान को पुनः अर्जित करने में सफल हुई है।तीसरी महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि टीएमसी का यह मिथ टूटा है कि उसके समर्थन के बिना कॉग्रेस की जीत नहीं हो सकती।यह सच है कि लेफ्ट के वोटों के प्रतिशत में इजाफा हुआ है,लेकिन सच यही है कि वाम उम्मीदवार की हार हुई है।चौथा महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इस चुनाव में टीएमसी ने अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी को अपने वोट ट्रांसफर किये हैं और बीजेपी ने जंगीपुर इलाके में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को जो जमीन दी गई ,उसे आधार बनाकर यह घृणित प्रचार किया कि मुसलमानों के लिए हिन्दुओं की जमीन छीनी गई और इस आधार पर हिन्दु वोटों का ध्रुवीकरण किया।इस घटना से जो बात निकल कर आ रही है वह यह है कि टीएमसी ने अपने वोट बीजेपी को ट्रांसफर कर भविष्य में पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी को सूदूर ग्रामीण इलाकों में आधार देने का मन बना लिया है।और यह एक तरह से गाँवों में सांप्रदायिक राजनीति के विस्तार की नई योजना है।इसके खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को मिलकर साझा राजनीति करनी होगी।कॉग्रेस के लिए संतोष की बात यह है कि जंगीपुर में 70% मुस्लिम वोटर हैं।पिछले चुनाव में कॉग्रेस के प्रणव मुखर्जी की जीत कॉग्रेस-टीएमसी के गठबंधन की जीत थी।हालांकि कॉग्रेस को मिले वोटों के प्रतिशत में कमी आई है,लेकिन फिर भी मिली जीत से यह पता चलता है कि कॉग्रेस ने अपने पारम्परिक वोटों को बचाये रखने में सफलता प्राप्त की है।विभिन्न पार्टियों को मिले वोट और उसके प्रतिशत निम्नलिखित हैं-

कॉग्रेस-3,32,919(39.26%)

लेफ्ट-3,30,383(38.97%)

बीजेपी-85,867(10.13%)

वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया-41,620(4.90%)

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया-2,469(2.90%)

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