भारत के नीति निर्धारकों ने राष्ट्र-राज्य की धारणा के तहत जातीयभाषा पर जोर देकर लोकल भाषाओं के साथ असमान व्यवहार को बढावा दिया और उसके भयावह परिणाम सामने आ रहे हैं। विगत 50 सालों में भारत में 250 भाषाएं गायब हो गयी हैं। इन दिनों प.बंगाल में 10भाषाएं अंत के करीब हैं।
सन् 1961 की जनगणना में 1,652भाषाएं दर्ज हैं लेकिन1971 की जनगणना में मात्र 108भाषाएं हैं। भाषाओं की संख्या में इतनी बड़ी कमी का कारण है जनगणना के नियमों में बदलाव। सरकार ने भाषाओं की सूची में उन्हीं भाषाओं को शामिल किया जिनके बोलने वालों की संख्या 10हजार से ज्यादा थी। आज हम नहीं जानते कि 10हजार से कम लोगों में बोली जाने वाली भाषा की क्या अवस्था है। कायदे से यह बंदिश हटा देनी चाहिए। हमें भाषा और बोलियों का विस्तृत हिसाब रखना चाहिए। भारत में 780भाषाएं 66किस्म की स्क्रिप्ट में लिखी जाती हैं। सारे देश में भारत की सभी भाषाओं के पठन-पाठन की व्यवस्था के लिए व्यापक कदम उठाने की जरूरत है।
सन् 1961 की जनगणना में 1,652भाषाएं दर्ज हैं लेकिन1971 की जनगणना में मात्र 108भाषाएं हैं। भाषाओं की संख्या में इतनी बड़ी कमी का कारण है जनगणना के नियमों में बदलाव। सरकार ने भाषाओं की सूची में उन्हीं भाषाओं को शामिल किया जिनके बोलने वालों की संख्या 10हजार से ज्यादा थी। आज हम नहीं जानते कि 10हजार से कम लोगों में बोली जाने वाली भाषा की क्या अवस्था है। कायदे से यह बंदिश हटा देनी चाहिए। हमें भाषा और बोलियों का विस्तृत हिसाब रखना चाहिए। भारत में 780भाषाएं 66किस्म की स्क्रिप्ट में लिखी जाती हैं। सारे देश में भारत की सभी भाषाओं के पठन-पाठन की व्यवस्था के लिए व्यापक कदम उठाने की जरूरत है।
कल 01/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
gambhir baat
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने
जवाब देंहटाएंसुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई।
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
आपके ब्लॉग को ब्लॉग - चिठ्ठा में शामिल किया गया है, एक बार अवश्य पधारें। सादर …. आभार।।
जवाब देंहटाएंनई चिठ्ठी : चिठ्ठाकार वार्ता - 1 : लिखने से पढ़ने में रुचि बढ़ी है, घटनाओं को देखने का दृष्टिकोण वृहद हुआ है - प्रवीण पाण्डेय
कृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा