बुधवार, 18 मार्च 2015

मुगल शासक और हिन्दू लेखक

        संघ परिवार के मुस्लिम विरोधी कुप्रचार ने देश का सबसे ज्यादा अहित किया है ,खासकर नयी युवा पीढ़ी के दिमाग में मुसलमानविरोधी कु-संस्कार पैदा किए हैं। इससे आधुनिक समाज के निर्माण की प्रक्रिया बाधित हुई है। मुगल शासकों ने बड़े पैमाने पर हिन्दी के कवियों को अपने शासन से मदद दिलवायी। मसलन् ,शहाबुद्दीन गोरी के यहां आश्रित कवि थे- केदार कवि । 

हुमायूं के यहां -क्षेम बंदीजन ।

सम्राट अकबर के आश्रित हिन्दी कवियों में प्रमुख हैं- गंग,नरहरि,करण,होल,ब्रह्म (बीरबल) अमृत,मनोहर,जगदीश,जोध,जयत,जगामग,कुम्हणदास ,टोडरमल,माधौ और श्रीपति आदि।

शाहजहां के यहां पंडितराज जगन्नाथ कविराज,हरिनाथ,कुलपति मिश्र, कवीन्द्र सुंदर, चिंतामणि,शिरोमणि ,दुलह,वेदांगराय,सुकवि बिहारीलाल आदि।

औरंगजेब के यहां -ईश्वर,इंद्रजीत त्रिपाठी ,मतिराम,कालिदास त्रिवेदी,कृष्णपंथी घनश्याम,जयदेव आदि।

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