नामवर सिंह आज जिस जगह हैं उसमें आरएसएस-भाजपा और मोदी सरकार की कोई भूमिका नहीं है।वे अच्ची तरह जानते हैं उनके व्यक्तित्व और ऊँचे कद के निर्माण में मजदूरों-किसानों की विचारधारा, मार्क्सवाद,प्रगतिशील आंदोलन और देश की उदारतावादी परंपराओं की निर्णायक भूमिका रही है।जैसा कि मीडिया में खबर है कि 28जुलाई2016को नामवरजी के लिए एक कार्यक्रम इन्दिरा गांधी कला संग्रहालय करने जा रहा है।सवाल यह है इस समय केन्द्र सरकार के नियंत्रण वाले सभी संस्थानों में आरएसएस के लोग खुलकर हमले कर रहे हैं,जेएनयू भी उनमें शामिल है।लेकिन आश्चर्य की बात है नामवरजी जैसा प्रखर आलोचक चुप है और उलटे आरएसएस की मुहिम का हिस्सा बन रहा है।हम जानना चाहते हैं प्रगतिशील आंदोलन और देश की उदारतावादी बुर्जुआ राजनीति ने नामवरजी को क्या नहीं दिया,किस चीज का अभाव उनको दिखा जिसके कारण वे मोदी के खेमे में चले गए ॽ नामवरजी को कम से कम यह तो बताना ही होगा कि उनको सी कौन सी चीज पीएम मोदी और आरएसएस में नजर आई जिसके कारण वे उनके खेमे में चले गए ॽ
नामवरजी अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी साम्प्रदायिकता और आरएसएस के खिलाफ घोषित नीतिगत समझ रही है,क्या वे अपनी पुरानी समझ को अस्वीकार कर रहे हैं ॽ यदि हां तो उनको खुलकर कहना चाहिए,लिखकर कहना चाहिए कि वे अंततःआरएसएस की शरण में क्यों जा रहे हैं ॽ यदि सत्ता संरक्षण का ही मोह है,तिरंगे झेंडे में लिपटकर मरने का ही मोह है तो वही कहें और बताएं कि उनके जैसे नास्तिक व्यक्ति को यह मोह क्यों है ॽ हम नामवरजी के 90वें जन्मदिन पर कुछ सवालों पर उनकी राय जानना चाहते हैं।सवाल इस प्रकार हैं-
1. मोदी सरकार की किस नीति को वे जनहित में सही मानते हैं ॽ
2. मोदी सरकार ने जेएनयू पर नियोजित ढ़ंग से हमला किया है,सभी अकादमिक नियमों और जेएनय़ू की परंपराओं को तिलांजलि देते हुए जिस तरह छात्रसंघ पर हमला किया,जेएनयूछात्रसंघ के नेताओं पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया,क्या उन सब पर क्या राय है।
3. विगत दो सालों में आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों ने केन्द्र सरकार की मदद से देश के विभिन्न इलाकों में मुसलमान विरोधी मुहिम चलायी हुई है उस पर क्या कहना है ॽ
4. यूजीसी के बजट में बड़ी मात्रा में कटौती की गयी है ,क्या उसे सही मानते हैंॽ
5. मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया है उससे कहां तक सहमत हैं ॽ
6. यदि इस समय कांग्रेस की सरकार होती तो क्या वैसी अवस्था में आप आरएसएस की गोदी में बैठना पसंद करते ॽआरएसएस का संरक्षण लेना पसंद करते ॽ
नामवरजी अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी साम्प्रदायिकता और आरएसएस के खिलाफ घोषित नीतिगत समझ रही है,क्या वे अपनी पुरानी समझ को अस्वीकार कर रहे हैं ॽ यदि हां तो उनको खुलकर कहना चाहिए,लिखकर कहना चाहिए कि वे अंततःआरएसएस की शरण में क्यों जा रहे हैं ॽ यदि सत्ता संरक्षण का ही मोह है,तिरंगे झेंडे में लिपटकर मरने का ही मोह है तो वही कहें और बताएं कि उनके जैसे नास्तिक व्यक्ति को यह मोह क्यों है ॽ हम नामवरजी के 90वें जन्मदिन पर कुछ सवालों पर उनकी राय जानना चाहते हैं।सवाल इस प्रकार हैं-
1. मोदी सरकार की किस नीति को वे जनहित में सही मानते हैं ॽ
2. मोदी सरकार ने जेएनयू पर नियोजित ढ़ंग से हमला किया है,सभी अकादमिक नियमों और जेएनय़ू की परंपराओं को तिलांजलि देते हुए जिस तरह छात्रसंघ पर हमला किया,जेएनयूछात्रसंघ के नेताओं पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया,क्या उन सब पर क्या राय है।
3. विगत दो सालों में आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों ने केन्द्र सरकार की मदद से देश के विभिन्न इलाकों में मुसलमान विरोधी मुहिम चलायी हुई है उस पर क्या कहना है ॽ
4. यूजीसी के बजट में बड़ी मात्रा में कटौती की गयी है ,क्या उसे सही मानते हैंॽ
5. मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया है उससे कहां तक सहमत हैं ॽ
6. यदि इस समय कांग्रेस की सरकार होती तो क्या वैसी अवस्था में आप आरएसएस की गोदी में बैठना पसंद करते ॽआरएसएस का संरक्षण लेना पसंद करते ॽ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें