शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

आदिविद्रोही से क्या सीखा-


  सवाल यह है  ´आदिविद्रोही´ से मैंने क्या सीखा ॽ ´आदिविद्रोही´तो गुलाम स्पार्टकस की जीवनकथा है। हावर्ड फ़ास्ट ने लिखा  ´मैंने यह कहानी इसलिए लिखी कि मेरे बच्चे और दूसरों के,जो भी इसे पढ़ें,हमारे अपने उद्विग्न भविष्य के लिए इससे ताकत पायें और अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ें,ताकि स्पार्टकस का सपना हमारे समय में साकार हो सके।´इस किताब का हिन्दी अमृतराय ने किया है।

     फ़ास्ट के लेखन की विशेषता है उत्पीड़ितों के साथ सक्रिय संवेदनात्मक लगाव।अमृत राय ने लिखा हावर्ड फ़ास्ट के पास तीक्ष्ण ऐतिहासिक दृष्टि है । उसके लिए ´इतिहास वह जो अपना स्रोत कोटि-कोटि साधारण –जनों की क्रिया-शक्ति में पाता है,जिसकी दृष्टि राजा से अधिक प्रजा पर होती है और जो उन सामाजिक शक्तियों को समझने का प्रयत्न करता है ,जिनके अन्तस्संघर्ष से जीवन में प्रगति होती है। ´

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मेरा बचपन- माँ के दुख और हम

         माँ के सुख से ज्यादा मूल्यवान हैं माँ के दुख।मैंने अपनी आँखों से उन दुखों को देखा है,दुखों में उसे तिल-तिलकर गलते हुए देखा है।वे क...