गुरुवार, 5 मई 2016

जेएनयू में आमरण अनशन खत्म करो

जेएनयू में चल रहे छात्र आंदोलन के समर्थन में आज पूर्व छात्रनेता और छात्र जेएनयू में एकत्रित हो रहे हैं। मैं अपनी निजी परेशानियों के कारण इस मौक़े पर शामिल नहीं हो पा रहा हूँ, लेकिन मेरा इस आंदोलन को पूरा समर्थन है।
जेएनयू में संघर्ष और क़ुर्बानियों की शानदार परंपरा रही है, मौजूदा छात्रसंघ नेतृत्व ने इस परंपरा को बरक़रार रखा है। यह हम सबके लिए गर्व की चीज़ है।
आज आठवें दिन जब भूख हड़ताल चल रही है तो कन्हैया और दूसरे छात्रों की हालत लगातार बिगड़ रही है।हम सबके लिए इन आंदोलनकारी छात्रों की ज़िंदगी बेहद महत्वपूर्ण है, हमारे लिए जेएनयू की संघर्षशील परंपरा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। हमें यह चीज़ समझनी चाहिए कि यह मसला जल्द हल होने वाला नहीं है,इसलिए छात्रों की ज़िंदगी, स्वास्थ्य, कैरियर और संघर्ष में संतुलन बनाते हुए संघर्ष के रूपों का चयन करना होगा।इसके लिए ज़रूरी है कि हम दीर्घकालीन संघर्ष की रणनीति बनाएँ। इसके पहले कदम के तौर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को तुरंत ख़त्म किया जाए और संघर्ष के नए विकल्पों का इस्तेमाल करेँ।भूख हड़ताल को ख़त्म करने का मतलब संघर्ष से भागना नहीं है।हमने पहले भी भूख हड़तालें की हैं और उनको बीच में छोड़ा भी है। हमारे लिए छात्रों का न्यूनतम नुक़सान करके संघर्ष जारी रखना महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि यह भूख हड़ताल तुरंत ख़त्म की जाए और भूख हड़तालियों को तुरंत मेडीकल मदद प्रदान की जाए। हमें भूख हड़ताल को संघर्ष का अंतिम अस्त्र मानने की मनोदशा से बाहर निकलना होगा।

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