सोमवार, 4 जुलाई 2016

बलि नहीं न्याय दो-

       यह बहुत खतरनाक खेल है भाजपावालो,इस खेल में फिलहाल कुछ कवरेज ले सकते हो,लेकिन इस खेल में हमेशा फासिस्ट पिटे हैं और तुम भी पिटोगे। अजीब स्थिति है कुछ लड़कों को कहीं से पकड़ा जाता है और तुरंत ही भाजपा-संघ और भोंपू मीडिया आंखें बंद करके देशद्रोही,आईएस एजेंट आदि कहकर अहर्निश निंदा अभियान शुरू कर देता है,यह कौन सा न्याय है,पुराने हिन्दूसमाज में भी ऐसा न्याय नहीं था,इस तरह का न्याय तो तालिबान,अलकायदा,आईएस के यहां होता है,वे लोग जिसे पकड़ते हैं उसे सीधे ऊपर पहुँचाते हैं,कोई दलील,अपील,न्याय नहीं।जिसे पकड़ लिया उसे दोषी करार देने की कला तो तालिबानी कला है,अफसोस है कि भाजपा जैसा राजनीतिक दल जो संविधान और कानून में आस्था रखने के वायदे करता है,संविधान को काम तक नहीं करने दे रहा,भारतीय न्याय प्रणाली को एकदम सरकने नहीं दे रहा। हैदराबाद में कुछ युवाओं की गिरफ्तारी के तत्काल बाद ही मीडिया में हमले शुरू,फेसबुक आदि सोशलमीडिया पर अंधाधुंध मोदीभक्तों की पोस्ट आ रही हैं,इनमें कुछ जेएनयू के पुराने मित्रों की भी पोस्ट हैं,भाजपा-आरएसएस का ऐसा वैचारिक पतन तो आपातकाल में भी नहीं हुआ था जैसा मोदीकाल में हुआ है।अभी भी समय है ठहर जाओ,पुलिस को अपना काम करने दो,कानून की राह में यमराज बनकर मत खड़े हो.कानून को यमराज के मार्ग का पथिक बनाना आईएस का हथकंडा है,हम भाजपा-संघ से कहना चाहते हैं यह भारत है,यह अफगानिस्तान-यमन और सीरिया नहीं है,जहां आईएस की चलती हो। भारत में कानून का शासन है,कानून के अनुसार किसी को पकड़ा जाता है तो अदालतें देखेंगी,पुलिस का काम है अदालतों में आरोपियों को ले जाना,वहां सजा दिलवाना,आरोपिियों को पूरा हक है कि वे अपना बचाब करें,कोई चाहे तो उनकी मदद करे,इसका अर्थ यह नहीं है कि आरोप लगाने मात्र से ही दोषी हो गया।एनआईए के हाथों पकड़े गए हैं तो इंतजार करो सच आ जाएगा,लेकिन संघियो आपलोग तो गिरफ्तार होते ही नाचने लगते हो,बलि दो बलि दो,का नारा लगाने लगते हो,बलि दो,का नारा आईएस का नारा है भारतीय का नारा नहीं है,भारत में यदि रहना है तो कहना होगा बलि नहीं न्याय दो।

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