मंगलवार, 26 जुलाई 2016

नामवरसिंह राजनाथ सिंह की जुगलबंदी और नामवरराग -

       कल तक कुछ लोग कह रहे थे कि नामवरजी तो इंदिरा गांधी कला केन्द्र सिर्फ भाषण देने जा रहे हैं,हमने कहा था नहीं वे मोदी की गोदी में जा रहे हैं।नामवरजी अकेले ही मोदी की गोदी में नहीं गए अपनी पूरी साहित्य टीम को लेकर गए हैं।यह वही साहित्य टीम है जो कल तक आरएसएस को लेकर सवाल कर रही थी लेकिन अब सारे सवाल गंगा के हवाले कर दिए गए हैं,अब एक ही नारा है नामवरजी महान हैं ! इस एक नारे में समूचा देश सिमट गया है। यह प्रगतिशील साहित्य की उस परंपरा का पतन है जो कल तक साम्प्रदायिकता को गाली देते नहीं थकती थी।
नामवरसिंह और उनकी मंडली के लेखकों का साम्प्रदायिकता विरोध से कोई लेना-देना नहीं था,साम्प्रदायिकता विरोध छलावा मात्र था।मोदीजी को इसका श्रेय जाता है कि उन्होंने चंद लाख रूपये खर्च करके नामवरसिंह और उनकी साहित्य टीम के साम्प्रदायिकता विरोध के छद्म को नंगा कर दिया।
नामवरजी पर आरएसएसएस वाले जो कार्यक्रम करने जा रहे हैं,उसमें आरएसएस के दो बड़े नेता अतिथि हैं,केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह,मुख्य अतिथि होंगे, एक अन्य केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे। इस सत्र का विषय है –नामवर सिंह की दूसरी परंपरा,अन्य सत्रों में नामवर की सार्थकता समझाने के लिए नामवरजी की पूरी साहित्य टीम शामिल हो रही है इसमें प्रमुख हैं-काशीनाथ सिंह, निर्मला जैन,विश्वनाथ त्रिपाठी,केदारनाथ सिंह,मैनेजर पांडेय,विभूति नारायण राय,हरिमोहन शर्मा,एस.आर.किदवई आदि के अलावा अन्य भाषाओं के लेखकों को भी बुलाया गया है।

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