फेसबुक पर जाने वालों की सूचनाएं चोरी हो रही हैं। 'इलैक्ट्रोनिक प्राइवेसी इनफारमेशन सेंटर' और 'सेंटर फाँर डिजिटल डेमोक्रेसी' ने इस संदर्भ में 'अमेरिका फेडरल ट्रेड कमीशन ' में शिकायत दर्ज की है। आरोप है नए सिस्टम के जरिए फेसबुक वाले यूजरों को सूचनाएं सार्वजनिक करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पहले ये सूचनाएं यूजर के दोस्तों और एक ही नेटवर्क के यूजरों के बीच में साझा होती थीं , लेकिन नए सिस्टम ने इन्हें सार्वजनिक कर दिया है। कमीशन के सामने मूल शिकायत यह है कि नया सिस्टम कम प्राइवेट है।
मजेदार बात यह है कि फेसबुक का कार्यकारी प्रधान मार्क जुकिरवर्ग नए सिस्टम का शिकार बना है। उसकी तमाम सूचनाएं ,लेख,निजी फोटो ,प्रतिदिन के ईमेल आदि हासिल करने में साइबर चोरों को सफलता मिली है। कुछ फेसबुक यूजर अचम्भित हैं कि कैसे उनकी सूचनाएं 350 मिलियन सदस्य देख रहे हैं। जबकि उन्होंने चंद दोस्तों को ही अपनी सूचनाएं -फोटो आदि दिए थे। इससे उन लोगों को ज्यादा खतरा है जिनके पीछे सरकारें लगी हैं। खासकर उन देशों में जहां प्रतिवाद की संभावना नहीं है। इसके अलावा विज्ञापन कंपनियां भी फेसबुक के डाटा का दुरुपयोग कर सकती हैं।
इस जाल का जितना विस्तार होगा, उतनी ही मछलियां फंसती जाएंगी :)
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