दूसरी ओर के खिलाफ इलैक्ट्रोनिक प्राइवेसी सेंटर ने एक अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन में एक याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि बज़ के जरिए गूगल ने प्राइवेसी बनाए रखने के अपने ही वायदे को तोड़ा है। यूजर की सूचनाओं का वगैर उसकी अनुमति के सार्वजनिक होना प्राइवेसी बनाए रखने के गूगल के वायदे का उल्लंघन है।
जगदीश्वर चतुर्वेदी। कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर। पता- jcramram@gmail.com
मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010
गूगल के सोशल नेटवर्क बज़ (Buzz ) में प्राइवेसी पर धावा
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ये जानकारी पहले भी अंकुर गुपता जी ने दी थी और जिन लोगों ने बज़ साईन इन किया था उसे हटाने का तरीका भी बताया था अच्छा है लोग इसे हटा दें। अब आपने भी जानकारी दे तो यकीन हो ग्या कि बज्ज फ्राड है। धन्यवाद्
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