बुधवार, 23 जून 2010

ली पेंग की डायरी ने चीन सरकार की नींद उडायी

(तिएनमैन चौक पर तत्कालीन महासचिव झाओ जियांग छात्रों का समर्थन करते हुए )
      चीन में इन दिनों कम्युनिस्ट नेताओं की नींद उड़ी हुई है। तिएनमैन स्क्वेयर के समय चीन में जो राष्ट्रीय पंगा हुआ था उसे लेकर आम लोग नहीं जानते कि कम्युनिस्ट पार्टी में शीर्ष पर बैठे नेताओं में क्या चल रहा था।
    हाल ही में चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ली पेंग की डायरी हांगकांग का एक प्रकाशक चीनी में छापकर बाजार में ला रहा था कि कम्युनिस्ट नेताओ ने उसके वितरण को रोक दिया है।
    इस डायरी की बीस हजार प्रतियां छापी गयी थीं और इसे 22 जून को रिलीज किया जाना था। कहा जा रहा है इसका कॉपीराइट प्रकाशक के पास नहीं था। ‘रायटर’ ने इस डायरी की एक प्रति हासिल कर ली है और इसे खबर बनाया है।
    डायरी में लिखा है कि सुधारवादी नेता देंग का मानना था कि सरकार को 4जून 1989 के आंदोलन को शांत करने के लिए कुछ खून बहाना होगा। सरकारी स्रोत बताते हैं कि ली पेंग ने कभी अपनी डायरी छापने की प्रकाशक न्यू सेंचुरी प्रेस को अनुमति नहीं दी थी।. वह नहीं चाहते थे कि उनकी डायरी छपे।
     चीन का मौजूदा प्रशासन चाहता है कि चीन की जनता के मन से तिएनमैन स्क्वेयर की घटना को धो पोंछकर साफ कर दिया जाए। उस जमाने की सेना और टैंक वाली इमेज को वर्तमान चीनी नेतृत्व लोगों में प्रचारित नहीं होने देना चाहता। इस डायरी में 279 पृष्ठ हैं और इसको 22जून 2010 को रिलीज किया जाना था।
    सवाल उठता है कि आखिरकार यह डायरी प्रकाशक के पास पहुँची कैसे ? डायरी लेखक की अनुमति के बिना प्रकाशक के पास पहुँचना मुश्किल है। दूसरी बात यह कि हांगकांग प्रकाशन में चीन को हस्तक्षेप करने का कानूनी हक नहीं है। हांगकांग समझौते के तहत हांगकांग के प्रकाशनों को चीनी कानून के दायरे के बाहर रखा गया है। ऐसे में सवाल उठता है किस चीनी नेता ने प्रकाशक पर दबाब ड़ालकर किताब को बाजार में आने से रोका है ?
     ‘रायटर’ ने डायरी रूपी संस्मरणों की प्रामाणिकता का सवाल भी उठाया है। चीन प्रशासन ने डायरी के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है। प्रकाशक का मानना है कि ये संस्मरण स्वयं लेखक के हैं। यही वजह है कि पार्टी के आला नेता इसे बाजार में नहीं आने देना चाहते।
    उल्लेखनीय है कि  इसी प्रकाशक ने 1989 के तिएनमैन स्क्वेयर आंदोलन के समर्थक तत्कालीन पार्टी महासचिव झाओ जियांग के संस्मरण उनके मरने के बाद छापे थे। उस समय ली पेंग प्रधानमंत्री थे और उन्होंने महासचिव का समर्थन किया था। तिएनमैन स्क्वेयर की घटना के बाद झाओ जियांग को महासचिव पद से हटा दिया गया और 15 सालों तक उनके घर में नजरबंद करके रखा गया सन् 2005 में इसी अवस्था में उनकी मृत्यु हुई।
      नजरबंदी की अवस्था में उन्होंने संस्मरण कैसेट स्मगल करके प्रकाशक तक पहुँचवाए।बाद में उन्हें पुस्तक रूप में  प्रकाशित किया गया। उल्लेखनीय है झाओ के करीबी नेता बाओ टांग के बेटे को 1989 के आंदोलन का समर्थन करने के नाते सात साल जेल की हवा खानी पड़ी.बाद में उन पर बीजिंग में पुलिस की कड़ी नजरदारी जारी रही। प्रकाशक ने कहा हे कि पेंग  की डायरी की कुछ प्रतियां 2009 में चीन के बडे नेताओं और अधिकारियों को पढ़ने के लिए दी गयी थीं।














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