रविवार, 3 अक्टूबर 2010

आस्था की जय-जयकार में रेशनल की विदाई

   हमारे अनेक ब्लॉग पाठक आस्था के आधार पर हाल ही में आए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के फैसले पर मुग्ध हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे राम-राम जपते-जपते इस भवसागर को आसानी से पार कर जाएंगे। आस्था को इन लोगों ने तर्क,विज्ञान, आधुनिक न्याय,संविधान आदि सबसे ऊपर स्थान दिया है।
   संघ परिवार आस्था के आधार पर आम लोगों को बेबकूफ बनाने में लगा है, मेरे ब्लॉगर दोस्त आस्था के नशे में डूबे हैं उन्हें अब राम मंदिर दे ही दिया जाए और एक राम मंदिर नहीं सारे देश को राम मंदिर में तब्दील कर दिया जाए।
    देश की सारी जनता से कहा जाए कि वह अपने घर,इमारत,स्कूल,कॉलेज-विश्वविद्यालय, न्यायालय,विज्ञान की प्रयोगशालाएं आदि सबको राम मंदिर में तब्दील कर दे। जनता सड़कों पर रहे,खुले आसमान के नीचे रहे। हम सबके घरों को भव्य राम मंदिरों में रूपान्तरित कर दिया जाए। 
   संघ परिवार और रामभक्तों  को इस देश में प्रत्येक इमारत को  भव्य राम मंदिर में रूपान्तरित करने का जिम्मा दे दिया जाए। सारा देश राम का है और रामभक्तों का है। राम और राम भक्तों को तो भारत में सिर्फ राममंदिर चाहिए चाहे उसके लिए कोई भी कीमत देनी पड़े। वे बच्चों की तरह राम लेंगे -राम लेंगे की रट लगाए हुए हैं। हम चाहते हैं कि इस प्रस्ताव पर सभी रामभक्त गंभीरता से सोचकर जबाब दें कि देश की सभी इमारतों को भव्य राम मंदिर में रूपान्तरित क्यों न कर दिया जाए।
      हम अब न कुछ पैदा करेंगे, न ज्ञान की बातें करेंगे,न रेशनल बातें करेंगे,न विज्ञान की चर्चा करेंगे,हम न पढ़ेंगे ओर न लिखेंगे। इंटरनेट,टीवी,रेडियो आदि का धंधा भी बंद कर दिया जाए सिर्फ राम धुन होगी,राम की इमेज होगी। अधिक से अधिक सरसंघचालक के कुछ अमरवचन होंगे जिन्हें हम सुनेंगे और धन्य हो धन्य हो करेंगे।
    आस्था में राम हैं। सारे वातावरण में राम हैं। यह देश राम का है और राम के अलावा इस देश में किसी भी देवी-देवता और मनुष्य की आस्था का कोई महत्व नहीं होगा। राम के प्रति आस्था के खिलाफ कोई अगर जुबान खोलेगा तो उसका वध होगा। राम हमारी राष्ट्रीय आस्था के प्रतीक हैं अब आगे से हम राम का ही उत्पादन और पुनरूत्पादन करेंगे।
   राम घरों में रहेंगे मनुष्यों घरों के बाहर रहेगें। वैज्ञानिकों,इंजीनियरों,वकीलों, न्यायाधीशों, अध्यापकों,आस्तिकों-नास्तिकों,नागरिकों और सभी किस्म के पेशवर लोगों को उनके धंधे से हटा दिया जाएगा अब आगे से हम सिर्फ आस्था खाएंगे,आस्था पीएंगे आस्था में जीएंगे। अब इस देश में सिर्फ रामभक्त रहेंगे। जो रामभक्त नहीं हैं वे अपने लिए अन्य देश खोज लें और हमारे राम जो भारत के बाहर अन्य देशों में चले गए हैं वहां से हम सभी राम मूर्तियों को ले आएंगे। राम को हम विदेशों में नहीं रहने देंगे। गुस्ताखी देखो की जब एकबार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महाज्ञानी पुरातत्व विशेषज्ञों ने बता दिया और उस पर लखनऊ न्यायालय के न्यायसंपन्न न्यायाधीशों ने मुहर  लगा दी कि राम का जन्म कहां हुआ था तो इस बात को तो दुनिया की अब तक की सबसे महान खोज मान लिया जाना चाहिए और जो लोग नहीं मान रहे हैं उनकी व्यवस्था वैसे ही की जाए जैसी रामजी ने राक्षसों की कीथी।
हमें खुश होना चाहिए कि हमारा देश सिर्फ राम का  है यहां राम और रामभक्तों के अलावा किसी की नहीं चलेगी। हमारे यहां संसद,अदालत,संविधान और उसमें प्रदत्त नागरिक अधिकारों का अब कोई महत्व नहीं रह गया है अब राम हमारे देश में जन्म ले चुके हैं और हमें उन सैंकड़ों-हजारों किताबों को आग के हवाले कर देना है जो राम के विभिन्न किस्म के रूपों की चर्चा करती हैं। उन विद्वानों को रामभक्तों की  कैद में ड़ाल देना है जो राम को नहीं मानते,राम जन्म को नहीं मानते। अयोध्या को तो अब रामभक्त एकदम स्वर्ग बनाकर छोडेंगे और भारत को रामराज्य और स्वर्गलोक। हम चाहते हैं कि रामभक्त और संघ परिवार जल्दी से जल्दी मिशन राम मंदिर को सारे राष्ट्र में साकार करे । हो सके तो रातों -रात रामजी से मिलकर सभी इमारतों को राममंदिर में तब्दील करा दें। जब देश राम और देशवासी राम के तो किसी तर्क,विवेक,विज्ञान,न्याय आदि के आधार पर सोचना नहीं चाहिए। जय श्री राम।     












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