जगदीश्वर चतुर्वेदी। कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर। पता- jcramram@gmail.com
शुक्रवार, 14 अगस्त 2009
लड़कियों के मामले में मीडिया प्रचार रंग लाया
दिल्ली में पिछले कई सालों से लड़कियां कम पैदा हो रहीं थीं और लड़के ज्यादा पैदा हो रहे थे, इसके कारण सभी चिन्तित थे कि लिंग अनुपात में असंतुलन पैदा हो रहा है। हाल ही में खबर आई है कि सन् 2008 में दिल्ली में लड़कियां ज्यादा पैदा हुई हैं। उल्लेखनीय है विगत कई सालों से मीडिया में लड़कियों के जन्म को लेकर जो प्रचार अभियान चलता रहा है उसका यह सीधा सुपरिणाम है। नए आंकड़े बताते हैं सन् 2008 में 1000 लड़कों की तुलना में 1004 लड़कियां पैदा हुई हैं।सन् 2007 में 1.48 लाख लड़कियां पैदा हुई थीं जबकि सन् 2008 में 1.67 लाख लड़कियों ने जन्म लिया यानी पिछले साल की तुलना में 19 हजार लड़कियां ज्यादा पैदा हुईं।
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