जगदीश्वर चतुर्वेदी। कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर। पता- jcramram@gmail.com
रविवार, 9 अगस्त 2009
समलैगिंकता : गुलाबी बाजार की पहली खुशखबरी
अभी कुछ ही दिन पहले मैंने समलैंगिंकों के गुलाबी बाजार के भारत में भी फलने -फूलने की संभावनाओं का जिक्र किया था,इसी कड़ी में आज खबर आयी है कि दिल्ली के एक फैशन डिजायनर संजय द्वारा संचालित पर्यटन कंपनी इंडिजापिंक ने समलैंगिंक युगलों के लिए बेहतरीन 'गे' पर्यटन की व्यवस्था की सूचना अखबारों के जरिए जारी की है। यह खबर आज के' हिन्दुस्तान टाइम्स' में प्रकाशित हुई है। डिजायनर संजय ने कहा है कि उनके पर्यटन पैकेज में 'गे' मनोदशा का पूरा ख्याल रखते हुए सारी व्यवस्थाएं की गयी हैं। इस खबर का जिक्र इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मेरे कुछ दोस्तों को मेरे गुलाबी बाजार वाले लेख में 'गे' पर्यटन वाली बात पर आश्चर्य व्यक्त किया था, मैंने कहा भी कि आप लोग नहीं जानते असल में समलैंगिंकता का पूरा बाजार है, उसके अपने तर्क हैं। मेरी धारणा को संजय के बयान ने पुष्ट किया है।संजय ने यह भी स्वीकार किया है कि उसके ज्यादातर पर्यटक विदेशी हैं और वह अच्छा व्यापार कर रहा है। संजय की 'गे' पर्यटन की खबर वैसे ही है जैसे स्वाइन फ्लू से मौत की पहली खबर आयी हो।
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