जितना मुझे याद है उससे ज्यादा भूल चुकी है
एक बिखरे अतीत की
अनजान कहानियों में खुद को खोजती हुई।
विस्थापन,ताकत के दुरुपयोग और
सरोकारविहीनता के धुंधलके में
खोई जिंदगी के बीच
पैंतालीस वर्ष बाद,
फिर मैं जीवित हुई-
अंधकार से निकल रोशनी के लिए
(कैथरीन विलियम्स की कविता। अनुवाद-सुधा सिंह)
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