अमेरिकी हवाई अड़डों पर इन दिनों एक विलक्षण किस्म की पुलिस पहरा दे रही है,यह ऐसी पुलिस है जो आने -जाने वाले लोगों पर नजर रखती है, यह नजरदारी भी विलक्षण है। ये पुलिस वाले यात्री के व्यवहार को देखकर ठीक करते हैं कि वह आदमी कैसा है, आतंकवादी है या नहीं। इस पुलिस का नाम है 'ट्रांसपोर्टेशन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन' । अभी ये अमेरिका में हैं कल यहां भी होंगे।
इस पुलिस दल में व्यवहार विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। ये लोग यात्री के व्यवहार को गंभीरता के साथ देखते हैं । उसके बाद पता करते हैं कि आप क्या हैं। मसलन् आपके चेहरे की भंगिमाएं क्या हैं, कैसे मुँह बनाते हैं, कैसे बातें करते हैं, कैसे आंखें चलती हैं, कैसे भ्रू चलती है। यानी शारीरिक भाव भंगिमा को देखकर ठीक करते हैं कि आखिरकार यह व्यक्ति कैसा है। यह सारा पुलिसिया खेल आतंकवाद विरोध मुहिम के रूप में चलाया जा रहा है। इसे ' यात्री व्यवहार जांच तकनीक ' का नाम दिया गया है। पूरे अमेरिका में ऐसे 3000 हजार व्यवहार विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं। ये विशेषज्ञ 161 हावई अड्डों पर प्रत्येक यात्री के चाल-ढ़ाल,हाव-भाव आदि पर गहरी नजर रखते हैं और चैकिंग करते हैं। अमेरिका में यह प्रयोग यदि सफल होता है तो इसी तरह की चैकिंग पद्धति विश्वभर के हवाई अड्डों पर शुरू की जाएगी। अभी तक इस तरह की जांच प्रणाली के तहत समूचे अमेरिका में 98,805 लोगों से पूछताछ की गई है। इसमें से 9,854 से लंबी पूछताछ की गई और उसमें से 813 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यक्रम पर 3.1मिलियन डालर का खर्चा आया है। जो लोग पकड़े गए हैं उनमें कितनों को सजा मिली, कितने आतंकी थे, इन सबके बारे में कोई जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। इस तरह की जांच पड़ताल की मानवाधिकार संगठनों ने तीखी आलोचना की है।
मजेदार बात यह है कि भाव-भंगिमा के आधार पर यदि किसी व्यक्ति को पकड़ा जाएगा तो इसमें ज्यादातर मामलों में गलत परिणाम आने की संभावननाएं ज्यादा हैं। खतरनाक और कानूनभंजक लोग आसानी से अपनी भाव-भंगिमा पर नियंत्रण रखकर या छिपाकर आसानी से पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में सफल हो सकते हैं और निर्दौष व्यक्ति पुलिस की बेवकूफियों के कारण सींखचों में अंदर जा सकता है। असल में यह कार्यक्रम इस्रायल की नकल पर तैयार किया गया है। वहां पर ऐसा कार्यक्रम व्यवहार में है। यह कार्यक्रम मूलत: नस्लवादी आधारों पर ही तैयार किया गया है। इस्रायल छोटा मुल्क है लेकिन इसे अमेरिका जैसे 30 करोड़ की आबादी के मुल्क और सारी दुनिया में लागू करने के कारण भयानक असुविधाएं के पैदा होने की संभावनाएं हैं।
प्रोफाइलर्ज़ अमेरि का ही में नहीं ...आज भारत में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं
जवाब देंहटाएंनिकलने वाले निकल जाते हैं और ये बॉयोमैट्रिक चैक करने में लगे रहते हैं.
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